Rahat Indori Love Shayari
मोहब्बत आपके दिल से हो गई!!
एक राहत थी!!
अब खुदा की रहमत हो गई!!
मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया!!
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए!!
झूठों ने झूठों से कहा है सच बोलो!!
सरकारी एलान हुआ है सच बोलो!!
घर के अंदर तो झूठों की एक मंडी है!!
दरवाज़े पर लिखा हुआ है सच बोलो!!
!!Rahat Indori!!
चुरा लो अभी हर हसीन लम्हा जिंदगी से!!
फिर जिम्मेदारियां मोहलत नही देंगी!!
लवे दीयों की हवा में उछालते रहना!!
गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना!!
में नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा!!
तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना!!
Rahat Indori Love Shayari
कई दिनों से अँधेरों का बोलबाला है!!
चराग़ ले के पुकारो कहाँ उजाला है!!
!!Rahat Indori!!
फूलों की दुकानें खोलो!!
खुशबू का व्यापार करो!!
इश्क खता है तो!!
ये खता एक बार नहीं सौ बार करो!!
शहर क्या देखें कि!!
हर मंज़र में जाले पड़ गए!!
ऐसी गर्मी है कि!!
पीले फूल काले पड़ गए!!
आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर!!
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के!!